कैप्टन Anshuman Singh को मरणोपरांत Kirti Chakra: पढ़ें सियाचिन के शहीद की वीरता और प्रेम की अनूठी दास्तान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. जिस वीरता से उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना अपने साथियों की जान बचायी थी, शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की यह कहानी जानकर हर कोई दहल गया था, चलिये पढ़ें उनकी पूरी कहानी.    

Bagesh Yadav
Jul 10, 2024, 00:53 IST
पढ़ें सियाचिन के शहीद की वीरता और प्रेम की अनूठी दास्तान
पढ़ें सियाचिन के शहीद की वीरता और प्रेम की अनूठी दास्तान

Captain Anshuman Singh Kirti Chakra: हाल ही में राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह 2024 का आयोजन किया गया जहां देश वीर जवानों को सम्मानित किया गया. इन्ही में से एक थे सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमन जिन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी पत्नी स्मृति और मां मंजू ने राष्ट्रपति से यह सम्मान हासिल किया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए थे. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना, उन्होंने एक बड़ी आग की घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और संकल्प का प्रदर्शन किया था.

शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की कहानी जानकर हर कोई दहल गया था, जिस वीरता से उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना अपने साथियों की जान बचाई और खुद शहीद हो गए. शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह मूल रूप से यूपी के देवरिया के रहने वाले थे. 

— President of India (@rashtrapatibhvn) July 5, 2024

सम्मान लेते समय उनकी पत्नी ने क्या कहा:

शहीद कैप्टन अंशुमन की पत्नी ने सम्मान लेते समय कहा कि कैप्टन अंशुमन बहुत सक्षम थे. वे अक्सर कहा करते थे, ‘’मैं अपने सीने पर गोली खाकर मरना चाहता हूं. मैं आम आदमी की तरह नहीं मरना चाहता, जिसे कोई जान ही न पाए’’. 

 कब और कहां हुई थी घटना:

 यह घटना 19 जुलाई 2023 की है जब सियाचिन ग्लेशियर में तैनात भारतीय सेना के टेंट में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गयी थी. इस आग की चपेट में कई टेंट आ गए थे, अपनी जान की परवाह किये बिना आग पर काबू पाने की कोशिश में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए थे. 

इस घटना के दौरान उन्होंने तीन जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला लेकिन बुरी तरह झुलस गए, उनको एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए चंडीगढ़ लाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और वह शहीद हो गए.    

फरवरी 2023 में दोनों ने की थी शादी:

शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की शादी उनके शहीद होने से पांच महीने पहले यानी 10 फरवरी 2023 को हुई थी. वहीं अंशुमन इस घटना से 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे. बता दें कि कीर्ति चक्र प्राप्त करते समय उनकी पत्नी ने उनकी वीरता कि कहानी सुनाई, उनका ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है.   

स्मृति ने अंशुमन से पहली मुलाकात के बारें में क्या कहा:

आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) से पढाई करने वाले अंशुमन पहली बार ‘इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन स्मृति से मिले थे. स्मृति ने बताया कि एएफएमसी में चयन के कारण वह एक दूसरे से दूर हो गए थे. उन्होंने आगे बताया कि आठ साल तक दूरी रही, लेकिन रिश्ता बना रहा. इसके बाद दोनों ने फरवरी 2023 में शादी कर ली थी. 

बकौल स्मृति, शादी के बाद उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हो गई, 18 जुलाई 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी. अपना घर होगा. हमारे बच्चे होंगे, ...और भी बहुत कुछ. उन्होंने आगे बताया कि 19 जुलाई को उनके पास एक कॉल आई कि कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए.      

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