इंडियन केपीओ/ बीपीओ में करियर स्कोप

इंडियन स्टूडेंट्स, फ्रेशर्स और यंग प्रोफेशनल्स के लिए इंडियन केपीओ/ बीपीओए में काफी आशाजनक  करियर स्कोप है.

Suman Kumari
Apr 7, 2021, 13:51 IST
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इंडियन स्टूडेंट्स, फ्रेशर्स और यंग प्रोफेशनल्स के लिए इंडियन केपीओ/ बीपीओए में काफी आशाजनक  करियर स्कोप है. इसलिए, आजकल अधिकतर इंडियन स्टूडेंट्स, फ्रेशर्स और यंग प्रोफेशनल्स इस फील्ड के अपने भावी करियर की शुरुआत करते हैं.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ का परिचय

बीपीओ का अर्थ है - बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग व केपीओ का मतलब है - नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग. इंडियन बीपीओ/ केपीओ ने हज़ारों लोगों को नौकरी प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें बेहतरीन वेतनमान और अंतर्राष्ट्रीय परिवेश में काम करने का मौक़ा भी प्रदान किया है. ये कम्पनियां यंग इंडियन्स को आकर्षक सैलरी पैकेज पर जॉब ऑफर्स देकर, उनसे अपने विदेशी ग्राहकों के लिए कार्य करवाती हैं. ये कम्पनियां डाटा-एंट्री, मेडिकल ट्रान्सक्रिप्शन, कॉन्टेंट राइटिंग, एचआर व वित्तीय सेवा में जॉब ऑफर करती हैं.

बीपीओ सभी तरह के कारोबारों के लिए अपनी सर्विसेज ऑफर करता है लेकिन केपीओ ज्ञान व सूचना आधारित सेवाओं से जुड़ा है और इसके लिए उच्च शिक्षा ज़रूरी है. केपीओ सेवा के कुछ उदाहरण हैं - कानूनी सेवा, बौद्धिक सम्पदा एवं पेटेंट से जुडी सेवाएं, अभियांत्रिकी सेवाएं, वेब डेवलपमेंट, कैड/कैम अनुप्रयोग, व्यापार अनुसंधान एवं विश्लेषण, कानूनी अनुसन्धान, चिकित्सा अनुसंधान, प्रकाशन और विपणन अनुसंधान (मार्केट रिसर्च केपीओ). इन दोनों क्षेत्रों के कार्य उनकी जटिलता, वेतन और प्रकृति के अनुसार एक-दूसरे से काफी भिन्न होते हैं.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ में करियर स्कोप

जो छात्र चुनौती लेना पसंद करते हैं उनके लिए बीपीओ सबसे अच्छा विकल्प है. ज्यादा घंटे काम करने के अलावा यहाँ काम को तय वक्त के भीतर पूरा करने का दबाव भी रहता है. चूंकि यहाँ टाइमिंग्स बहुत ही विषम होती हैं तो आपको अपनी दिनचर्या की कुर्बानी देने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए. परन्तु यहाँ विकास की रफ़्तार कई उद्योगों से ज़्यादा है.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ में रोज़गार के अवसर

आज यूएस और यूके जैसे देश भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान व अन्य एशियाई देशों में जॉब आउटसोर्स करना पसंद करते हैं जिसकी वजह से बीपीओ/केपीओ में अच्छी संभावनाएं हैं.

यदि आप फ्रेशर हैं तो आप इंटरनेट के द्वारा विभिन्न जॉब साइट्स पर बीपीओ प्रोसेस जॉब सर्च कर सकते हैं.और यदि आप आईटी अथवा किसी अन्य क्षेत्र के अनुभवी व्यक्ति हैं और बीपीओ/केपीओ ज्वाइन करना चाहते हैं तो आपके लिए इन विभागों में अवसर हो सकते हैं- ऑपरेशंस मैनेजमेंट, कॉन्टेंट मैनेजमेंट, रिसर्च एंड एनालिटिक्स, कानूनी सेवाएं, प्रशिक्षण एवं परामर्श तथा डाटा एनालिटिक्स इत्यादि.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ में मांग एवं आपूर्ति

बीपीओ कर्मचारियों की मांग हमेशा बनी रहती है. उदाहरण के तौर पर, यूएस व यूके के प्रकाशकों के काम के लिए कम्पनियां डाटा एंट्री ऑपरेटर, शिपमेंट एग्जीक्यूटिव, वेब डिज़ाईनर और ग्राफिक डिज़ाईनर को नौकरी पर रखती हैं जिसके लिए साधारणतः डिप्लोमा अथवा मल्टीमीडिया में सर्टिफिकेट कोर्स की आवश्यकता होती है. कम्प्यूटर साइंस में इंजीनीयरिंग की डिग्री न होने के बावजूद भी आपको बीपीओ में नौकरी मिल सकती है. अतः इस क्षेत्र में आपूर्ति मांग के लगभग अनुरूप ही है.

दूसरी तरफ केपीओ में जॉब के लिए आपको उच्च शिक्षित होना पड़ेगा.इस क्षेत्र में मांग अधिक है परन्तु आपूर्ति कम है चूंकि उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों की देश में कमी है.

मार्केट वॉच

सम्पूर्ण विश्व में बाज़ार का वैश्वीकरण होने के कारण कम से कम आगे आने वाले दस वर्षों में तो इस क्षेत्र की विकास की रफ़्तार कम होने वाली नहीं है. इसकी वजह से आज घर से काम करने के कई विकल्प मौजूद हैं.

अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन

एशियाई देशों में श्रम की कीमत कम होने की वजह से प्रकाशन,  सूचना तकनीक, ज्ञान प्रबंधन, वित्तीय एवं कानूनी सेवा प्रदान करने वाली विश्व की चोटी की कम्पनियाँ इन देशों को जॉब आउटसोर्स कर रही हैं. ऐसे में ऐसे युवा जो गाँव से शहर में काम की तलाश में आते हैं, उनके लिए इस क्षेत्र ने अवसरों के द्वार खोल दिए हैं. परिणामस्वरूप, युवा न केवल खुद अपने पैरों पर खड़े होकर चीज़ों को आर्थिक द्रष्टि से देखने लगे हैं बल्कि अपने परिवारों को भी आर्थिक सहायता प्रदान करने लगे हैं.

अब तो एशियाई देश जैसे जापान और कोरिया भी भारत में जॉब आउट सोर्स करने लगे हैं.

सकारात्मक/नकारात्मक पहलू

सकारात्मक

  1. इस क्षेत्र में अवसर कई हैं. बीपीओ में प्रवेश करने के लिए आपके पास विकल्पों की कमी नहीं है.
  2. इस क्षेत्र के विकास ने एसिया के कई देशों में विकास की रफ़्तार तेज़ कर दी है .
  3. वर्षों को गरीबी में रहने वाले कई परिवारों की रोजी-रोटी का इंतजाम इस क्षेत्र ने किया है.

 नकारात्मक

  1. बीपीओ/केपीओ में काम का दबाव बहुत अधिक होता है. कई व्यक्तियों के निद्रा-चक्र में गड़बड़ी होने की वजह से चिकित्सकीय मार्गदर्शन की ज़रुरत पड़ जाती है.
  2. अपेक्षाकृत कम लचीले टाइमिंग्स व कार्य की मात्रा को देखते हुए वेतनमान कम होता है. जिससे कर्मचारी कई बार शोषित महसूस करते हैं.
  3. देश में अभी तक बीपीओ/केपीओ के लिए कोई क़ानून न होने वजह से कर्मचारी की प्रतिष्ठा और आत्म-सम्मान को कम्पनियां ताक पर रख देती हैं .यहाँ हमेशा जॉब जाने का ख़तरा बना रहता है जिससे व्यक्ति का करियर अस्थिर हो जाता है. 

भूमिका और पदनाम

केपीओ प्राथमिक तौर पर बीपीओ का ही एक अंग है परन्तु इसके लिए उच्च शैक्षिक प्रष्ठभूमि की आवश्यकता के चलते इसको अलग से वर्गीकृत किया जाने लगा है. दोनों क्षेत्रों के कार्य उनकी जटिलता, वेतन और प्रकृति के अनुसार भिन्न होते हैं.

अग्रणी कंपनिया

सूचना तकनीक क्षेत्र की उद्योग नियामक संस्था नास्कॉम के अनुसार, टॉप-10 बीपीओ कम्पनियां क्रमानुसार है- जेनपैक्ट, डब्ल्यूएनएस ग्लोबल, आईबीएम दक्ष, आदित्य बिरला मिनेक्स वर्ल्डवाइड, टीसीएस बीपीओ, विप्रो बीपीओ, फर्स्ट सोर्स,  इनफ़ोसिस बीपीओ, एचसीएल बीपीओ तथा ईएक्सएल सर्विस होल्डिंग.

रोज़गार प्राप्त करने के लिए कुछ सुझाव

किसी आउटसोर्सिंग कम्पनी में नौकरी पाने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है:

  1. बिना झिझक के दिन-रात तथा लम्बे वर्किंग आवर्स में काम करने के लिए हमेशा तैयार रहे.
  2. पहले कुछ वर्षों में अपना सारा ध्यान एक स्तर उठकर टीम-लीडर बनने पर लगायें तथा उसके बाद ऑपरेशन मैनेजर बनने के लिए कोशिश करें. ऑपरेशंस मैनेजर बनने के पश्चात किसी दूसरी कंपनी में बेहतर अवसरों को तलाशें.
  3. शुरूआत में 9000 से 12000 वेतन पर ज्वाइन कर लें तथा इसके बाद आगे बढें.
  4. यदि आप उच्च शिक्षित हैं तथा उत्कृष्ट दर्जे की संवाद क्षमता रखते हैं तो आप ज़्यादा वेतन की मांग भी कर सकते हैं. परन्तु यदि आप बहुत ही कम वेतन पर ज्वाइन करते हैं तो आप शोषण का शिकार भी हो सकते हैं.      

 

इंडियन केपीओ/ बीपीओ में करियर शुरू करने की प्रक्रिया

बीपीओ में कार्य करने के लिए आपको बहुत ज़्यादा शिक्षित व अनुभवी होने की आवश्यकता नहीं है. आप स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म करने बाद सीधे यहाँ नौकरी पा सकते हैं. यहाँ चुनौती अपने कार्य में ज्यादा तेज़ एवं प्रोफेशनल होने की है. आपको शिफ्ट में काम करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए. यदि आपमें उत्कृष्ट दर्जे की संवाद क्षमता है तो आप ग्राहक सेवा के क्षेत्र से शुरूआत कर सकते हैं. यदि आप आईटी में तकनीकी रूप से सक्षम हैं तो आप टेक्नीकल सपोर्ट प्रोफेशनल जैसे पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं.

बीपीओ की अपेक्षा केपीओं में अधिक शिक्षित एवं योग्य व्यक्तिओं की ज़रुरत होते है. साधारणतः एक बीपीओ में डाटा एंट्री, डाटा प्रोसेसिंग, डिपार्टमेंट आउटसोर्सिंग, टेक्नीकल सपोर्ट एवं ग्राहक सेवा जैसे कार्य किये जाते हैं जबकि केपीओ में अनुसंधान और विकास, वित्तीय सलाह व सेवाएं, आधुनिक वेब एप्लीकेशन, व्यवसायिक और तकनीकी विश्लेषण, लर्निंग सोल्यूशन, एनीमेशन और डिजाइन, बिजनेस एंड मार्केट रिसर्च, औषधि और जैव तकनीकी, चिकित्सा सेवाएं, राइटिंग एंड कॉन्टेंट डेवेलपमेंट, कानूनी सेवाएं, बौद्धिक सम्पदा अनुसंधान, डाटा विश्लेषण, नेटवर्क मैनेजमेंट तथा प्रशिक्षण एवं सलाह जैसे विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में काम किया जाता है.

अतः केपीओ में जॉब के लिए आपको क्षेत्र विशेष का ज्ञाता होना चाहिए.

ऐसे छात्र जिन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली है तथा पार्ट-टाइम जॉब की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए बीपीओ सबसे अच्छा विकल्प है. आप वहां कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव, टेक्नीकल सपोर्ट एग्जीक्यूटिव अथवा प्रोसेस एग्जीक्यूटिव जैसे पदों पर शुरूआत में अपने जेब-खर्चे के लायक एक अच्छी-खासी सैलेरी प्राप्त कर सकते हैं.

कॉलेज के दिनों से ही बीपीओ ज्वाइन करने पर आपको अल्पावस्था में ही वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने का साहस एवं समझ विकसित हो जाती है. वहीं केपीओ में प्रवेश के लिए आपको आगे की पढ़ाई पूरी करनी होती है. इसके लिए आप अपनी परास्नातक उपाधि भी पूरी कर सकते हैं.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ में मिलने वाला वेतनमान

बीपीओ कर्मचारी का शुरूआती वेतन 7000 से 20000 रूपये मासिक तक हो सकता है. काम की जटिलता एवं शिफ्ट को देखकर ही इस क्षेत्र में वेतन तय किया जाता है. फिर भी एक बात तो तय है की इस क्षेत्र में करियर बहुत तेज़ी से आगे बढ़ता है. यहाँ आप बहुत ही थोड़े समय के पश्चात ही एक टीम या एक समूह को नेतृत्व भी प्रदान कर सकते हैं. इसके लिए केवल एक चीज़ की आवश्यकता होती है वह है अच्छा प्रदर्शन.

यदि आप जॉब के साथ विदेश जाने का मौका प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपनी शिक्षा पूरी करके केपीओ में आवेदन करना चाहिए. वहीं बीपीओ में विदेश जाने के बहुत कम अवसर होते हैं.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ के सकारात्मक/ नकारात्मक पहलू

सकारात्मक

  • इस क्षेत्र में अवसर कई हैं. बीपीओ में प्रवेश करने के लिए आपके पास विकल्पों की कमी नहीं है.
  • इस क्षेत्र के विकास ने एसिया के कई देशों में विकास की रफ़्तार तेज़ कर दी है.
  • वर्षों को गरीबी में रहने वाले कई परिवारों की रोजी-रोटी का इंतजाम इस क्षेत्र ने किया है.

 नकारात्मक

  • बीपीओ/केपीओ में काम का दबाव बहुत अधिक होता है. कई व्यक्तियों के निद्रा-चक्र में गड़बड़ी होने की वजह से चिकित्सकीय मार्गदर्शन की ज़रुरत पड़ जाती है.
  • अपेक्षाकृत कम लचीले टाइमिंग्स व कार्य की मात्रा को देखते हुए वेतनमान कम होता है. जिससे कर्मचारी कई बार शोषित महसूस करते हैं.
  • देश में अभी तक बीपीओ/केपीओ के लिए कोई क़ानून न होने वजह से कर्मचारी की प्रतिष्ठा और आत्म-सम्मान को कम्पनियां ताक पर रख देती हैं. यहाँ हमेशा जॉब जाने का ख़तरा बना रहता है जिससे व्यक्ति का करियर अस्थिर हो जाता है. 

इंडियन केपीओ/ बीपीओ की प्रमुख कंपनिया

सूचना तकनीक क्षेत्र की उद्योग नियामक संस्था नास्कॉम के अनुसार, टॉप-10 बीपीओ कम्पनियां क्रमानुसार है- जेनपैक्ट, डब्ल्यूएनएस ग्लोबल, आईबीएम दक्ष, आदित्य बिरला मिनेक्स वर्ल्डवाइड, टीसीएस बीपीओ, विप्रो बीपीओ, फर्स्ट सोर्स,  इनफ़ोसिस बीपीओ, एचसीएल बीपीओ तथा ईएक्सएल सर्विस होल्डिंग.

इंडियन केपीओ/ बीपीओ में रोज़गार प्राप्त करने के टिप्स

किसी आउटसोर्सिंग कम्पनी में नौकरी पाने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है:

  • बिना झिझक के दिन-रात तथा लम्बे वर्किंग आवर्स में काम करने के लिए हमेशा तैयार रहे.
  • पहले कुछ वर्षों में अपना सारा ध्यान एक स्तर उठकर टीम-लीडर बनने पर लगायें तथा उसके बाद ऑपरेशन मैनेजर बनने के लिए कोशिश करें. ऑपरेशंस मैनेजर बनने के पश्चात किसी दूसरी कंपनी में बेहतर अवसरों को तलाशें.
  • शुरूआत में 9000 से 12000 वेतन पर ज्वाइन कर लें तथा इसके बाद आगे बढें.
  • यदि आप उच्च शिक्षित हैं तथा उत्कृष्ट दर्जे की संवाद क्षमता रखते हैं तो आप ज़्यादा वेतन की मांग भी कर सकते हैं. परन्तु यदि आप बहुत ही कम वेतन पर ज्वाइन करते हैं तो आप शोषण का शिकार भी हो सकते हैं.      

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